विशेषर नेगी।
हिमाचल किसान सभा के आह्वान पर रामपुर उप मंडल के निरथ नामक स्थान में लुहरी जल विद्युत परियोजना प्रभावित 12 पंचायत के लोगों ने किया धरना प्रदर्शन। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे पूर्व विधायक राकेश सिंघा। रैली में विभिन्न राजनीतिक दलों के आधा दर्शन से अधिक पंचायत प्रधानों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग भी थे शामिल। परियोजना प्रभावितों का आरोप एसजेवीएन की 210 मेगावाट की लुहरी परियोजना निर्माताओं ने समझौते एवं शर्तो के अनुसार उनकी मांगों को नहीं किया है पूरा। प्रदर्शनकारियों के समर्थन में नृत्य बाजार भी हुआ बंद।
नेशनल हाईवे 5 भी निरथ बाजार में किसानों ने किया जाम
। हिमाचल किसान सभा के आवाह्न पर 210 मैगावाट की निर्माणाधीन लुहरी परियोजना प्रभावित किसानों एवं अन्य विभिन्न संगठनों ने शिमला जिला के निरथ नामक स्थान में रैली निकाली, धरना प्रदर्शन किया और नेशनल हाईवे 05 को जाम किया। रैली का नेतृत्व पूर्व विधायक राकेश सिंघा कर रहे थे । इस प्रदर्शन में विभिन्न राजनीतिक दलों के आधा दर्जन से अधिक पंचायत प्रधानों एवं कई संगठनों के नेता और पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि एसजेवीएन की 210 मेगावाट की लुहरी परियोजना निर्माताओ ने वादे एवं समझौते के अनुसार उनकी मांगे पूरी नहीं की। चाहे वह प्रदूषण का हो या रोजगार का । भूमि अधिग्रहण में भी भू मालिको से छलावा किया गया। इन सब मांगों को लेकर के नेशनल हाईवे को लोगों ने जाम कर दिया। इस प्रदर्शन में आसपास के इलाकों की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे 05 को दो घंटे से अधिक समय तक जाम करके रखा । प्रशासन की ओर से एसडीएम और डीएसपी मौके पर पहुंचे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि भविष्य में और कठोर कदम उठाए जाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने दो घंटे से अधिक समय तक नेशनल हाईवे 05 को जाम किया। इस दौरान एसडीएम और डीएसपी ने भी लोगो को समझाने की कोशिश की।
देहरा पंचायत की प्रधान सरोज बाला ने बताया कि लोगो की मांगों में रोजगार, प्रदूषण का मुआवजा, एवं अन्य विभिन्न मांगों को लेकर के आज नेशनल हाईवे निरथ के पास लोगों ने जाम किया है । परियोजना निर्माता उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसे में आंदोलन के अलावा उनके पास कोई अन्य रास्ता नहीं है।
पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने बताया कि परियोजना निर्माता ने कायदे कानूनो को ताक पर रखकर परियोजना प्रभावित लोगों के हकों से खिलवाड़ किया है। उनकी मांगों को पूरा नही किया है। लोगो ने कई बार विभिन्न मंचों से उनसे निवेदन किया। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। ऐसे में उनके पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं था। आने वाले समय में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा । जो किसी भी हद तक जा सकते हैं।