एसजेवीएन की सतलुज नदी तट पर बनी 412 मेगावाट की रामपुर जल विद्युत परियोजना के ठेका मजदूरों का दोपहर के समय प्रदर्शन का क्रम आज भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 17 दिनों से वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर परियोजना मुख्यालय बॉयल में सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन परियोजना प्रबंधन की ओर से उनकी एक नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा और परियोजना को भी ठप किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को भी मजदूर बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना में अधिकारी मजदूरों से भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे है। उन की प्रमुख मांगो में समान काम का समान वेतन, परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के लिए पदोन्नति नीति, सामूहिक बीमा, काम के आधार पर पद, वर्दी भत्ता,वर्दी धुलाई भत्ता, यात्रा भत्ता में बढ़ोतरी, रोगी वाहन, शिफ्ट में काम कर रहे मजदूरों को शिफ्ट गाड़ी आदि।
सीटू के जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा ने बताया कि मजदूरों का धरना प्रदर्शन 17 वे दिन में प्रवेश कर गया है । उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधकों के साथ मजदूरों का एक समझौता हुआ था ।जिसमें कुछ बातें उन्होंने मानी थी। लेकिन उसे समझौता के बाद भी आज तक पूरा नहीं किया जा रहा है । जो मजदूर आवाज उठाता है उनको मैनेजमेंट द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
412 मेगावाट जल विद्युत परियोजना मजदूर यूनियन के महासचिव नील दत्त ने बताया कि 11 सूत्रीय मांग पत्र पूर्व में परियोजना प्रबंधकों को दिया गया था। उसमें से कुछ मांगे परियोजना प्रबंधको ने मानी थी, लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया। इसलिए मजदूर प्रदर्शन करने पर मजबूर है।