रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट/
बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छा जाहिर करने वाले रामपुर पदम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को स्कूल से फटकार पड़ी । ऐसे में साल भर सेl
प्रतियोगिता में नाम कमाने की हसरतें ले कर आगे बढ़ रहे प्रतिभावान विज्ञान विषय से जुड़े छात्रों को मंच से वंचित होना पड़ा। अंग्रेजी हकुमत काल से चल रहे क्षेत्र के नामी स्कूल जो राजा पदम सिंह के नाम से बना है। इस स्कूल ने देश प्रदेश के लिए कई प्रतिभाएं दी है।इस रामपुर के पदम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विज्ञान विषय से जुड़े छात्रों को हाल ही में आयोजित बाल विज्ञान कांग्रेस की खंड स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोक दिया गया। जबकि छात्र साल भर से मेहनत कर इस प्रतियोगिता में नाम कमा कर आगे बढ़ाने के अरमान लेकर चल रहे थे। प्रतियोगिता भी रामपुर के समीप झाकड़ी में थी। किन कारणों से छात्रों को रोका गया क्या स्कूल की आपसी रंजिश का शिकार छात्रों को होना पड़ा इस की खूब चर्चा है। लेकिन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर शिक्षक समाज की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लगा गया।
उल्लेखनीय की रामपुर पदम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने झाकड़ी में आयोजित हुए बाल विज्ञान मेले में जाने के लिए प्रधानाचार्य से गुहार लगाने की कोशिश की लेकिन उन्हें बेरंग वापिस लौटाबड़िया गया। ऐसा भी नहीं की स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन पूर्व में बेहतर न रहा हो।इससे पूर्व भी बनारस में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी स्कूल के छात्रों ने बाल विज्ञान मेले में हिस्सा लिया है। और राज्य स्तर पर तो कई छात्र कई बार जाते रहे। देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की सोच थी कि विज्ञान गांव की ओर बड़े और गांव से निकलकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। लेकिन रामपुर के नामी स्कूल के छात्रों के अरमानों पर स्कूल ने पानी फेर दिया। छात्रों ने बताया कि जब वह अपनी प्रतिभा को दिखाने की नीयत से इस बारे में प्रधानाचार्य के पास फरियाद लेकर गए तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। गौरतलब है की खंड से जिला और जिला से राज्य राज्य से अबल आने वाले को बाल विज्ञान कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर भेजा जाता है। वहां बेहतर प्रदर्शन करने वालों को नासा जाने का मौका मिलता है। इससे ग्रामीण स्तर पर छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि एवं खोज की भावना तैयार करना होता है। लेकिन जमीनी स्तर पर छात्रों की प्रतिभा को दिखाने का मौका ना दिया जाए तो, यह उनके जहां भविष्य से खिलवाड़ है वहीं उनके प्रतिभा को दबाने की कोशिश मानी जा रही है। अभिभावकों और स्कूली छात्रों का कहना है कि पदम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से 15 छात्रों ने तैयारी कर झाखडी में आयोजित होने वाले बाल विज्ञान मेले में हिस्सा लेना था लेकिन एन वक्त पर स्कूल ने उनकी प्रतिस्पर्धा की योजना को अनुमति नहीं दी। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल का प्रयास होना चाहिए कि जिस तरह से रियासत काल के इस स्कूल की राजा पदम सिंह के नाम से प्रसिद्धि होने के साथ स्कूल से कई छात्र देश प्रदेश का नाम विभिन्न क्षेत्रों में रोशन कर चुके हैं। भविष्य में भी यह स्कूल बुलंदियों को छूता रहे। ऐसे आयोजन छात्रों में प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करता है। लेकिन स्कूल की ओर से बाल विज्ञान मेले में हिस्सा लेने से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका पता लगाया जाना चाहिए कि क्यों छात्रों के साथ इस तरह सौतेला एवं द्वेषपूर्ण व्यवहार हुआ है। इससे छात्रों में नकारात्मकता उत्पन्न होती है । क्योंकि छात्र साल भर मेहनत कर अपने अरमान पाल रखे होते हैं ,खासकर उन छात्रों के लिए जो इस बार जमा की शिक्षा ले रहे हैं उन्हें कभी भविष्य में ऐसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिलेगा, उन में मायूसी छाई हुई है। उधर इस घटनाक्रम बारे स्कूल प्रधानाचार्य आरसी गुप्ता ने बताया कि उन्हें बाल विज्ञान मेले संबंधी जानकारी संबंधित शिक्षकों ने नहीं दी। उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं था। ऐसे में छात्रों को बाल विज्ञान मेले में भेजा नहीं जा सका।