रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट/
पांच से सात मई तक थाईलैंड के पटाया शहर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय बीच कोर्फ बाल प्रतियोगिता में रामपुर बुशहर की यामिनी देहलू भारतीय टीम की ओर से खेलेगी। यामिनी का इस विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चयन होने पर रामपुर ही नहीं हिमाचल के लिए एक गौरव का विषय है। यामिनी का बीच कोर्फ बाल विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चयन जयपुर में हुई । इससे पहले भी यामिनी इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी जयपुर में हुई प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मना चुकी है । शिमला जिला के रामपुर बुशहर निवासी 21 वर्षीय यामिनी देहलू वर्तमान में शलूनी यूनिवर्सिटी सोलन से बायोटेक्नोलॉजी की शिक्षा ग्रहण कर रही है। यामिनी इस विश्विद्यालय की बेहतरीन बास्केटबाल खिलाड़ी रही है। उनकी प्रतिभा को देखते हुए ही कोच ने उन्हें बीच कोर्फ बाल खेलने के लिए प्रेरित किया था। लग्न और मेहनत से यामिनी ने इस खेल में भी कुछ समय के भीतर ही जगह बनाई और अपनी प्रतिभा का लोहा मनाते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। यामिनी देहलू की जमा दो तक की पढ़ाई डीपीएस झाकड़ी से हुई । उन्हें लावारिस छोड़े गए कुत्ते व बिल्लियों की सेवा करना और उन्हें पालने का शौक है। जब यामिनी छुट्टियां बिताने अपने घर रामपुर जाती है तो इस दौरान उन का अधिकतर समय गोद में बीमार कुत्तों के बच्चे या बिल्लियों को ले कर पशु औषधालय के चक्कर काटते देखा जा सकता है। दुर्भाग्य से यामिनी की मां अरुणा शर्मा का देहांत तब हुआ, जब वह केवल 2 साल की थी। उनकी मां भी राज्य स्तरीय एथलीट एवं वॉलीबॉल की खिलाड़ी रही। यामिनी के पिता अशोक शर्मा रामपुर के एक सफल दुकानदार है। अशोक शर्मा ने बताया कि जब माता-पिता एवं परिवार की पहचान बच्चों से होती है, तो उस से बढ़कर कोई और खुशी नहीं होती। पढ़ाई में हमेशा अबल रहने वाले यामिनी के भाई आर्यन कुमार देहलू वर्तमान में यूएसए में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है। यामिनी का कहना है की हालांकि खेलो के लिए उन के गृह क्षेत्र में बेहतर माहौल नही था बाबजूद इस के बास्किटबाल के शौक और जनून ने इस मुकाम तक पहुंचाया। यामिनी का कहना हैकि मौजूदा माहौल में युवा महेंगे नशों की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे है, जिस कारण उन की प्रतिभा खेलों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में लगनी चाहिए वो नही लग पा रही है। उन्होंने युवाओं से अपील की है की बेहतर भविष्य एवं सम्मान जनक जीवन के लिए अच्छी संगत और उच्च सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। अन्यथा युवा अपना स्वर्णिम अवसर बर्बाद कर अपने जीवन को सदमार्ग से विचलित कर बर्बादी की राह पर खड़े होंगे।