Site icon Hindi &English Breaking News

भारतीय कंक्रीट संस्थान शिमला केंद्र द्वारा विजय उप्पल व सतीश सागर को नवाजा लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवार्ड ।

– दिल्ली । चन्द्रकान्त पाराशर।

भारतीय कंक्रीट संस्थान शिमला केंद्र द्वारा इंजीनियरिंग और वास्तुकला के प्रतिष्ठित पेशेवरों को द आर्चिड भठ्ठाकुफ़र के सभागार में सम्मानित किया ।
आईसीआई-अल्ट्राटेक स्ट्रक्चर अवार्ड्स 2024 में सात सदस्यों की एक जूरी द्वारा चयनित विजेताओं को पुरस्कृत किया गया जिन में
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड : वा. विजय उप्पल ; इंजी० सतीश सागर शर्मा; उभरते वास्तुकार: एआर अभिनव कौंडल; उभरते इंजीनियर: एआर रोहित गुप्ता; युवा कंक्रीट टेक्नोलॉजिस्ट: डॉ अदिति चौहान; इंफ्रास्ट्रक्चर अवार्ड: एनएचपीसी की पार्बती परियोजना के एचआरटी को इंफ्रास्ट्रक्चर श्रेणी में पुरस्कृत किया गया।
ज्ञातव्य है कि भारतीय कंक्रीट संस्थान एक गैर-लाभकारी संगठन है जो कंक्रीट पर ज्ञान का प्रसार करने, कंक्रीट प्रौद्योगिकी और निर्माण को बढ़ावा देने और कंक्रीट की शोध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है। आईसीआई के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, इसके क्षेत्रीय केंद्र पूरे वर्ष राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन, प्रदर्शनी आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। ये कार्यक्रम कंक्रीट उद्योग के सभी हितधारकों के लिए एक अनूठा मंच साबित होते हैं, जिसमें अभ्यास करने वाले इंजीनियर, निर्माता, शिक्षाविद, सलाहकार और शोधकर्ता अपनी वैश्विक भागीदारी करते हैं, मुद्दों पर चर्चा करते हैं, कंक्रीट से संबंधित मामलों पर अपने विचार और अनुभव साझा करते हैं।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश रेरा के अध्यक्ष डॉ श्रीकांत बाल्दी मुख्य अतिथि थे। डॉ बाल्दी ने सतत विकास के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अगर हम अपने शहरों की योजना सतत विकास Sustainabale Development के अनुसार नहीं बनाते हैं, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में, तो आने वाले समय में परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम 2023 के मानसून के दौरान इसे पहले ही देख चुके हैं। श्रीमती उमा बाल्दी ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। श्रीमती उर्मिला बाल्दी हिमाचल प्रदेश में सामाजिक कार्यों का पर्याय हैं, जो पिछले 31 वर्षों से समाज के जरूरतमंदों और वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए आईसीआई शिमला केंद्र के अध्यक्ष वा. वी पी एस जसवाल ने शिमला और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में इमारतों और डूब क्षेत्रों के डूबने को ध्यान में रखते हुए भूवैज्ञानिक मानचित्रण के साथ एकीकृत योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीआई शिमला केंद्र द्वारा नियमित आधार पर सेमिनार और विशेषज्ञ व्याख्यान और जागरूकता कार्यक्रम जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही है।

Exit mobile version