रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी ——
-शिमला, किन्नौर और कुल्लू ज़िले से सेब विक्रय के लिए शिमला जिला
के बिथल पहुंच रहे बागवानों को होटल व् ढाबा संचालकों के मनमाने दामों
का होना पढ़ रहा है शिकार। इन दिनों विभिन्न हिस्सों से सेब ले कर दिन
में पहुँच रहे है सैकड़ों वाहन। लेकिन बिथल नामक स्थान में वाहन चालकों
को खाने व् ठहरने ठहरने की नहीं है कोई उचित व्यवस्था। बिथल में किसी
भी होटल अथवा ढाबे में नहीं है मूल्य सूची और ना ही बने हैं उनके मेडिकल।
लोगो ने संबंधित सरकारी संस्थाओ की उदासीनता के खिलाफ जाँच की उठाई है
मांग।
– शिमला जिला के बिथल नामक स्थान में सेब विक्रय केंद्रों के
आसपास इन दिनों होटल व् ढावे वालों द्वारा खुलेआम लूट शिकायत लोगो ने
की है। सेब बिक्री के लिए बिथल पहुँच रहे सेब बागवानों और वाहन चालकों
का आरोप है की ना तो खाने की दरें तय है और ना ही इन ढावो में कहीं
खाने की दरे दर्शाने वाली सूचि लगी है। इतना ही नहीं उनके मेडिकल तक
नहीं बने हैं। ऐसे में कोई असाध्य रोग से ग्रस्त व्यक्ति खाना परोस रहा
है तो यह बीमारी समूचे इलाके में फैल सकती है। सेब की गाड़ियां ले कर बिथल
पहुंच रहे सेब बागवानो व् वाहन चालकों का कहना है कि उन्हें मजबूरन
मनमानी दरों पर गुणवत्ता रहित भोजन खाना पड़ रहा है। सरकार की संबंधित
एजेंसियों की ओर से उन्हें लूट की खुली छूट मिली है। हजारों की संख्या
में लोग वाहन लेकर बिथल पहुंच रहे हैं और चार -चार ,पांच -5 दिन तक
उनके वाहनों से सेब अनलोड नहीं हो रहा ही। जिस से बारी की प्रतीक्षा
में उन्हें वही रहना पड़ रह है। उधर अधिकांश ढावा संचालको को तयह
जानकारी भी नहीं है की खाने की दरें दर्शाने वाली सूची लगाना भी होता
है। उन्हें यह भी नहीं पता खाना बनाने व परोसने वाले का मेडिकल जाँच
होता है।
वाहन चालक तेजिंदर ने बताया बिथल में खाने पीने की बहुत
दिक्कत हो रही है। कई दिनों तक सेब से लदे उन के वाहन खाली नहीं हो रहे
हैं, उन्होंने बताया कि खाना बहुत महंगा मिल रहा है और बासी खाना दिया जा
रहा है। इससे बीमार होने का खतरा बन रहा है। सेब गाड़ियां समय पर खली न
हने से उन की चार पांच दिन की दिहाड़ी टूट रही है।
बागवान पूर्ण ठाकुर ने बताया कि सेब से लदी गाड़ियां खाली ना
होने के कारण मजबूरी में उन्हें होटलों में कई दिन तक रुकना पड़ रहा
है। बिथल में खाने के दाम बहुत ज्यादा है सरकार व प्रशासन की ओर से कोई
नियंत्रण नहीं है। उन के सेब से लदे वाहन चार-पांच दिन बाद खाली हो रहे
हैं, इस दौरान धूप में उनका से खराब हो रहा है।
-बागवान प्रताप ठाकुर ने बताया कि बिथल में ठहरने की जगह नहीं
है, क्योंकि हजारों की संख्या में लोग रोज यहाँ आते हैं और इतनी
व्यवस्था है नहीं। इसका फायदा यहाँ होटल और ढाबा संचालक उठा रहे हैं।
हालात ऐसे हैं कि ठहरने व खाने की व्यवस्था न होने के कारण कई लोग
गाड़ियां छोड़कर वापिस घर चले गए है और जब बारी आएगी तब तक वाहन रामभरोसे
छोड़ जा रहे है।
बागवान राजवीर सिंह चौहान ने बताया कि यहां सेब खरीद करने वालो
की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। खाना होटलों में बाहर खाना पड़ता है और
रात को बासी खाना ही मिलता है। खाना भी महंगे दरों पर दिया जा रहा है।
सरकारी स्तर पर जांच कुछ कोई नहीं होती है.
-ढाबा संचालक ने बताया की वे खाना ताज़ी परोस रहे है। लेकिन खाना
सभी ढावे वाले 90 से सौ रूपये प्लेट वसूल रहे है। उन्होंने बताया की
मीनू तो ढावे में दर्शाया है लेकिन दरें नहीं।