किन्नौर। विशेषर नेगी,
कुदरत की बेरुखी को देखते हुए गर्मियों में पानी की कमी ना हो इसके लिए हिमाचल के किन्नौर जिला के तिब्बत सीमा के लोगों ने खोजा है नई तरकीब। पेय जल नल से पानी नाले में छोड़ पानी का बना रहे है प्राकृतिक ग्लेशियर। किन्नौर के अति दुर्गम क्षेत्र हांगों में युवाओं का यह प्रयास हुआ है सफल। इस जमे बर्फ के पानी का आने वाले गर्मियां में किसान करेंगे खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए प्रयोग ।

हिमाचल के तिब्बत सीमा से जुड़े शीत मरू भूमि में गर्मियों में सिंचाई के लिए पानी की किल्लत होती है। क्यों की गर्मियों में इस मरू भूमि में बारिश बिलकुल नही होती। इस लिए लोग पहाड़ों में सर्दियों में जमी बर्फ के ग्लेशियर हिम खंड के पानी को ही सिंचाई में इस्तेमाल करते है। लेकिन इस बार पहाड़ों पर बर्फबारी अब तक नही हुई है। ऐसे में गर्मियों के दिनों में तिब्बत सीमांत क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की किल्लत होगी । वैसे भी सर्दियों में बर्फ न पड़े तो ग्लेशियर नहीं बनते हैं। जिससे नदी नाले रिचार्ज नही हो पाते। विकल्प के तौर पर हंगरंग घाटी के दुर्गम गांव हांगो के लोगों ने पेयजल पाइप लाइन से नाले में पानी पहुंचाया है और उस पानी को स्प्रिंकलर के माध्यम से छोड़ा जा रहा है , ताकि तापमान माइनस में जाते ही पानी जम जाए । उन की यह तरकीब कामयाब हुई और इस प्रयास से पानी हिमखंड के रूप में सफलतापूर्वक परिवर्तित हो रहा है। अब हांगो के युवाओं की यह अनूठी पहल उम्मीद की किरण ले कर आई है।
मसलन जलवायु परिवर्तन के कारण समय पर बर्फ न पड़ना और बर्फ की कमी एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। इन इलाकों में बाग बगीचों में फसल पाने के लिए गर्मियों में समय समय पर सिंचाई अत्यंत आवश्यक रहता है। युवाओं आजीविका एवं रोजगार को जिंदा रखने के लिए रास्ता खोजा है ताकि आने वाली चौनौती को ध्यान में रखते हुए गर्मियों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। इस सफल तरकीब को देखते हुए आने वाले गर्मियों में हाँगो गांव के लोगो को सिंचाई के लिए किल्लत का सामना नही करना पड़ेगा।
हांगो पंचायत उप प्रधान अमर प्रकाश ने बताया बर्फ नही गिरने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही थी । हमारे गांव के युवाओं ने एक छोटी सी पहल शुरू की थी कि पेयजल को ग्लेशियर बनाकर गर्मियों के लिए सिंचाई व्यवस्था हो। उनकी यह पहल काफी सफल रही और आने वाले समय में भी खूबसूरत व शानदार तरीके से इस तकनीक को अपनाया जाएगा ।
जिला परिषद सदस्य पूह वार्ड शांता कुमार नेगी ने बताया की हंगरंग घाटी के हाँगो गांव के युवाओं ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। जिसमें उन्होंने आर्टिफिशियल ग्लेशियर बनाया है, यह तिब्बत सीमा से जुड़ा क्षेत्र पूरा मरुस्थल है। इस बार यहां बर्फबारी भी नहीं हो रही है। ऐसे में सिंचाई के लिए आने वाले समय में एक बड़ी समस्या आने वाली है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक हिमखंड का निर्माण किया है और हमारे युवाओं का यह प्रयास सफल रहा तो और बाकी क्षेत्र के युवाओं को भी इस से प्रेरणा मिलेगी। भविष्य में जो जलवायु परिवर्तन से समस्याएं खड़ी हो रही है उनका सामना करने के लिए हमें विकल्प खोजने होंगे।