जोगिंद्रनगर (मंडी), 10 जून | विशेषर नेगी
हिमाचल प्रदेश के शांत माने जाने वाले पहाड़ी जनजीवन को सोमवार रात एक ऐसी घटना ने झकझोर दिया, जिसने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए। मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल के द्रोबड़ी गांव में एक बेटे ने घरेलू झगड़े के दौरान अपने ही पिता की नुकीले हथियार से हत्या कर दी।
जानकारी के अनुसार, मुकेश नामक युवक और उसकी पत्नी के बीच देर रात कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। झगड़ा शांत कराने के लिए 65 वर्षीय पिता प्रताप सिंह जब बीच में आए तो बेटे ने क्रोध में आकर उन पर नुकीली चीज से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल प्रताप सिंह को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
प्रताप सिंह जल शक्ति विभाग से सेवानिवृत्त थे। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही जोगिंद्रनगर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक की पत्नी नागण देवी के बयान पर आरोपी बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने पुष्टि की है कि आरोपी को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया था।
हिमाचल में अपराधों का बढ़ता ग्राफ
इस घटना ने हिमाचल प्रदेश में अपराधों की बढ़ती संख्या की ओर फिर ध्यान आकर्षित किया है। पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, साल 2025 के पहले चार महीनों में प्रदेश में कुल 35 हत्याएं दर्ज हो चुकी हैं। इसके अलावा 24 प्रयास-हत्या के मामले भी पुलिस फाइलों में दर्ज हैं। मई माह के आंकड़े आना बाकी हैं, लेकिन घटनाओं की रफ्तार संकेत दे रही है कि अपराध का ग्राफ थमने का नाम नहीं ले रहा।
मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने-बाने पर चोट
जोगिंद्रनगर की यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने में गहराते तनाव और बिगड़ते पारिवारिक संबंधों की खौफनाक तस्वीर है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ कानून नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता, काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि घरेलू कलह जब नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो वह एक शांत गांव में भी खूनी रूप ले सकती है।