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नाथपा- झाकडी व रामपुर परियोजना में कामगार हुए मुखर

रामपुर  बुशहर  /  विशेषर नेगी ——

– देश की सब बड़ी भूमिगत जल विद्युत परियोजना नाथपा झाकड़ी और
रामपुर परियोजना के ठेका मज़दूरों का 5 दिनों से सांकेतिक प्रदर्शन जारी।
मज़दूरों का आरोप परियोजना संचालक  एसजेवीएन  द्वारा स्थाई नियुक्ति को ले
कर निकाली गई 72 रिक्तियों में निगम में कार्यरत मजदूरों से किया जा रहा
है  भेद भाव।  प्रदर्षनकारी कामगारों ने  समस्या समाधान न करने की सूरत
में उग्र आंदोलन की दी चेतावनी।

 हिमाचल एवं केंद्र सरकार के  संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन  की देश
की सबसे बड़ी भूमि जल विद्युत परियोजना  15 सौ मैगावाट की नाथपा झाकड़ी व्
412 मैगावाट की रामपुर परियोजना में ठेका मजदूरों ने आंदोलन  शुरू किया
है। पांच दिनों से दोपहर  के समय  सांकेतिक प्रदर्शन  कर रहे मजदूरों का
आरोप हैकि एसजेवीएन  द्वारा 72  स्थाई पदों के लिए रिक्तियां  निकाली  गई
है। लेकिन एसजेवीएन की और से देश की  सबसे बड़ी भूमिका जल विद्युत
परियोजना 15 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी व 412 मेगावाट की रामपुर परियोजना
में कार्यरत 11 सौ से अधिक ठेका मजदूरों  से भेद भाव किया है। इस  लिए
सांकेतिक आंदोलन शुरू कर दिया है। मजदूरों का कहना है कि समय रहते उनकी
मांगों को पर गौर नहीं  किया गया तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन होगा।
मजदूरों का आरोप है कि एसजेवीएन  72 स्थायी सेवा के लिए जो रिक्तियां
निकाली है उन में  ऑफिस बॉय, अटेंडेंट, ड्राइवर आदि शामिल है।  इस में
हिमपेस्को और उत्तराखंड के भूतपूर्व सैनिकों के संगठन को आयु सीमा में
छूट दी गई है। लेकिन ऐसे एसजेवीएन की  परियोजनाओं में 2003 से कार्य कर
रहे हैं कामगारों को इसमें कोई छूट नहीं दी  है।  उन्होंने यह भी आरोप
लगाया कि एसजेवीएन में ठेके के माध्यम से लगे  कामगारों व् हिमपेस्को  के
माध्यम से लगे लोगों  के  वेतन में भी 2 गुना फर्क रखा  गया है। जबकि
समान काम का समान वेतन होना चाहिए।  उन्होंने  लंबे समय से निगम में काम
कर रहे  कामगारों को जब तक स्थाई नहीं होते तब तक ग्रुप इंश्योरेंस
सुविधा की भी मांग उठाई है। ताकि भविष्य में उनका व्  उनके परिवार की
सुरक्षा बनी रहे।

-:मज़दूर नेता  नरेंद्र  देष्टा ने बताया कि   जो प्रदर्शन चल रहा
है वह  इसलिए कि  एसजेवीएन ने 72 पदों के लिए  रिक्तियां निकाली है।
जिसमें इस परियोजना में काम करने वाले वर्कर्स को कोई रियायत नहीं दी गई
है, जबकि इस परियोजना में कार्य करते हुए उन्हें 16 वर्ष हो चुके हैं।
दूसरा उनकी यह मांग है कि ग्रुप इंश्योरेंस की सुविधा हो। उन्होंने बताया
की अन्य संस्थाओ  के लोगो को जिस तरह शर्तो में छूट दी है वैसे ही उन्हें
भी छूट मिले।सीटू के राज्य  उपाध्यक्षबिहारी सेवगी ने  बताया कि रामपुर
परियोजना के ठेका मजदूरों की मुख्य मांगे है कि  निगम द्वारा जो
रिक्तियां निकाली गई है जिन में ऑफिस  ब्वाय , अटेंडडेंट ,ड्राइवर आदि
है।  लेकिन निगम में कार्यरत ठेका मज़दूरों को साक्षात्कार में कोई रियायत
नहीं दी गई है जब की निगम में कार्यरत हिमपेस्को व् उत्तराखंड के
भूतपूर्व सैनिको के संगठन को आयु सीमा में छूट दी है।  वह मांग कर रहे
हैं कि जो ठेका मजदूर 2003 से  निगम की परियोजना में काम कर रहे हैं
उनको भी इसमें छूट दी जाए।  उन्होंने बताया कि दोनों परियोजना में लगभग
11 मजदूर काम कर रहे  है।

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