भावा नगर।न्यूज व्यूज पोस्ट। तरंडा मां हर्बल ग्रुप ने जड़ी बूटियां उगा कर जहां जड़ी बूटियों से बनाए जाने वाले पारंपरिक औषधीय गुणों को गांव-गांव तक पहुंचने का प्रयास किया है, वहीं इस ग्रुप के युवाओं ने स्वरोजगार की दिशा में भी कदम मजबूत किए है। जायका परियोजना के मार्गदर्शन से किन्नौर जिला के तरांडा पंचायत के तरंडा मां हर्बल ग्रुप के युवाओं ने जड़ी बूटियां उगाने की मुहिम शुरू की। उन्होंने किस वातावरण में और किस तरह की मिट्टी में कौन सी जड़ी बूटियां आशा अनुरूप पनप सकती है उसका अध्ययन किया। उनके प्रयासों को जब पंख लगने लगे, तो युवाओं में रोजगार का विकल्प भी दिखने लगा। तरंडा मां हर्बल ग्रुप के प्रधान चरण सिंह मोयान ने रामपुर में बताया कि उन्होंने अपने ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ मिलकर स्वरोजगार के लिए नया विकल्प तलाशने का प्रयास किया। उन्होंने प्रथम चरण में कुछ बीघा भूमि में जड़ी बूटियां रोपी। जिसके सकारात्मक परिणाम आए और अब धीरे-धीरे युवाओं को इस दिशा में प्रेषित कर रहे हैं। युवाओं को बताया जा रहा है कि जड़ी बूटियां उगाने से जहां पुरानी पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा मिलेगा, वही युवाओं को घर द्वार पर स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे । क्लब के प्रधान चरण सिंह मोयान , सचिव अनीश व उप प्रधान संजीव ने बताया कि पहले उन्होंने 10 लोगों का एक समूह बनाया और उनके समूह को इसके बेहतर परिणाम आने लगे हैं। अब धीरे-धीरे लोग उनकी मेहनत को रंग आते देख इस दिशा में कदम बढ़ने लगे हैं।