रामपुर बुशहर। न्यूज़ व्यूज पोस्ट—:-
हिमाचल प्रदेश में 3 जनवरी 2022 को अधिसूचित किये गये छठे वेतन आयोग में पंजाब सरकार द्वारा अधिसूचित वेतन आयोग में हिमाचल के कर्मचारियों को हो रहे नुकसान और पंजाब के समान वेतन मान को लागू करने की मांग शिक्षक महासंघ ने सरकार से उठाया है । उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में कहा है
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश में प्राइमरी से लेकर विश्व विद्यालय तक काम करने वाला राष्ट्रीय विचारो वाला एकमात्र संगठन है। जिसमे शैक्षिक और गैर शैक्षिक है जिनका कार्य राष्ट्र निर्माण के साथ साथ व्यक्ति निर्माण करना होता है। उन्होंने कहा है
प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में छठे वेतन आयोग की अधिसूचना को लागू करने का हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है । जहाँ पूरा देश कोविड महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वही हिमाचल प्रदेश भी इस आर्थिक मार से उभर नही पाया है। ऐसे में हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश के लाखो कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशो को लागू करना एक एतिहासिक निर्णय है, जिसका हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है ।
हिमाचल प्रदेश सरकार हमेशा से पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग का अनुसरण करता आया है। परन्तु इस वेतन आयोग की अधिसूचना जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कर्मचारियों के वेतन में काफी अंतर आ गया है । इस सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ 4 जनवरी को मुख्यसचिव और पांच जनवरी को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रियों और 6 जनवरी को मुख्य मंत्री से मिल कर अपना पक्ष रख चुका है और मुख्य मंत्री के दिशानिर्देश अनुसार पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रेषित कर रहे है।उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश में 1-10-2012 को वेतन संशोधन को लागू करते समय हिमाचल प्रदेश में इनिशिअल स्टार्ट खत्म कर दिया था जिससे पंजाब के कर्मचारी हिमाचल प्रदेश कर्मचारी वेतन के मामले में पीछे हो गये थे। क्योकि हिमाचल प्रदेश में प्रमोशन के बाद भी 2 साल तक नये ग्रेड पै से वंचित कर दिए थे। जिसका नुकसान आज प्रदेश के कर्मचारियों को देखने को मिल रहा है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के महामंत्री डॉ माम् राज पुंडीर ने सरकार से मांग की है कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी 2.25,2.59 और 15 प्रतिशत की बढोतरी के साथ वेतन मान को लागू करे। क्योकि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब के वेतन आयोग को लागू करता है ।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को 2012 में संशोधित वेतनमान दिया था । परन्तु इस संशोधित वेतन मान में ग्रेड पे को तो बढ़ा दिया, परन्तु इनिशिअल वेतन को नही बदला और प्रमोशन और नई नियुक्ति पर 2 वर्ष का लॉकिंग पीरियड लगा दिया था । जिससे प्रदेश के कर्मचारियों को 2022 के वेतन मान में कोई फायदा नही हो रहा । जो कर्मचारी 2016 के बाद 2 वर्ष का लोकिंग समय पूरा कर रहे है उन्हें इस वेतन मान को गणना के दौरान पुराने ग्रेड पे पर फिक्स होना पड़ रहा है जिससे कर्मचारियों को काफी नुकसान उठाना पड रहा है ।
प्रदेश के कर्मचारियों को लागू किये वेतन मान में 4/9/14 के बेनिफिट प्राप्त करने और अनुवंध प्राप्त कर्मचारियों का कोई जिक्र नही । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ इस स्थिति को स्पष्ट करने की मांग करता है ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि हिमाचल प्रदेश में भी पंजाब की तरह 2012 में संशोधित वेतनमान को इनिशियल स्टार्ट के साथ 2.25 की गणना का गुणाक दिया जाये । ताकि पंजाब में दिए जा रहे वेतन का लाभ हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को मिल सके ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि प्रदेश में 1/1/2016 में नियुक्त सभी वर्ग के अध्यापको को पंजाब की तर्ज पर इनिसिअल स्केल दे, जिसमे जेबीटी को 33400(HP) के स्थान पर 37600(PUNJAB), सी एंड वी को 35600 की तुलना में 40100, टीजीटी और डीपीई को 38100 के स्थान पर 41600, प्रवक्ता को 43000 के स्थान पर 47000 दिया जाये ।
पंजाब के वेतनमान का अनुसरण करने के बाद भी हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी वेतन में पिछड़ गये है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब में एक ही तिथि यानि 30/9/2013 को नियुक्त जेबीटी पंजाब में 42500 और हिमाचल में 33400(अंतर 9100), टीजीटी का पंजाब में 48200 और हिमाचल में 40400 (अंतर 7800), प्रवक्ताओं को पंजाब में 52900 और हिमाचल में 45600 (अंतर 7300 ), साफ़ नजर आ रहा है हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी मूल वेतन में भी पंजाब से पिछड़ चुका है ।
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी को भते पंजाब के आधार पर नही दिए जाते ,जिसकी वजय से हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी पिछड़ता जा रहा है ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश का सबसे बढ़ा संगठन होने के नाते अपने दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास करता है । प्रदेश में कंप्यूटर और एसएमसी अध्यापको का वर्ग ऐसा भी है जिनको पिछले 20 वर्ष और 10 वर्ष की सेवा के बाद भी 10 हजार के आस पास सेलेरी दी जाती है। जो इनका शोषण के सेवाए कुछ नही । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि इन शिक्षको के लिए निति बना कर इन्हें नियमित अध्यापक के बराबर सैलेरी देने का प्रावधान करे।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार से आग्रह किया हैकि प्रदेश में पंजाब की तर्ज पर वेतन मान को यथावत लागू करने तथा जल्द जल्द हाई पॉवर समिति की बैठक का आयोजन करने की माग की है ।