रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट ।
शिमला जिला के रामपुर बुशहर में छात्राओं की खेल प्रतियोगिता के दौरान शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। खेल आयोजकों और स्वास्थ्य विभाग की मंत्री के मौजूदगी में भी लचरता चर्चा का विषय बन गया है । उल्लेखनीय है कि वीर वार सांय 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की छात्राओं की जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का रामपुर में विधिवत समापन शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया। इस दौरान चौपाल से संबंधित एक छात्र गंभीर बीमार हो गई। छात्रा की गंभीर हालत को देख मैदान में स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिक उपचार टीम को खोजा गया, लेकिन प्रथिमक उपचार व्यवस्था टीम नदारद थी और न ही एंबुलेंस तैनात किया गया था। बेबसी में छात्रा की सहेलियों ने इसकी सूचना मंच संचालक तक पहुंचाई । लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। आनन फानन में सहेलियों ने मैदान से उठ कर खेल वाली ड्रेस में ही बीमार को पीठ पर उठाया और उपचार के लिए चिकित्सालय की ओर चल पड़ी। जब की मैदान में शिक्षको और कांग्रेसी नेताओ की दर्जनों गाडियां पार्क थी। बाबजूद इस के सहायता और सेवा के लिए कोई आगे भी नही आया। करीब अढ़ाई सौ मीटर दूर आयुर्वेदिक चिकित्सालय बीमार छात्र को लेकर छात्रा की सहेलियां एवं एक शिक्षिका पहुंची। लेकिन वहां आपात सेवाएं नहीं मिली, मजबूरन फिर से छात्र को पीठ पर उठाकर छात्राएं ऑटो एवं बस स्टैंड की ओर चल पड़ी । आसपास से गुजर रहे लोग छात्रा को पीटी ड्रेस में दूसरी छात्रा पीठ पर ले जाते देख व्यवस्थाओं को कोसने लगे। लोग इस बात को लेकर हैरान रहे कि करीब ढाई सौ मीटर तक छात्रा को साथी छात्रा पीठ पर उठाकर मुश्किल से ले जा रही है । उसकी मदद के लिए शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्यों नहीं हुई। जबकि इस जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में 660 से अधिक छात्राएं विभिन्न क्षेत्र से आई थी । जबकि कागजों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सक और एक अन्य कर्मी की तैनाती की गई थी । लेकिन जब आपात स्थिति आई तो फर्स्ट स्टेट के लिए कोई मैदान में मौजूद ही नहीं था। इतना ही नहीं खेल मैदान में सभी शिक्षक मुख्य अतिथि के समक्ष समारोह समापन में मशगूल थे। लोग इस बात से भी हैरान थे की आयोजक मूक दर्शक बनकर इस घटना को देखते रहे। मैदान में रुतबा दिखा कर वाहन खड़े करने वालों कि किसी की भी हिम्मत नहीं पड़ी की छात्रा की जल्द मदद की जाए। उधर बुद्धिजीवी वर्ग इस बात को लेकर हैरान था कि जिला स्तरीय छात्राओं की खेल प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी। लेकिन मंत्री की मौजूदगी में भी, ना तो मैदान में प्राथमिक उपचार सुविधा थी और ना ही आयुर्वेदिक चिकित्सालय में आपात सेवाएं होते हुए चिकित्सक तैनात थे। इससे लोग सरकार की पकड़ पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने लगे है। इस घटनाक्रम बारे खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके नेगी ने बताया कि खेल प्रतियोगिता के दौरान एक चिकित्सक व एक मिड वाइफ की तैनात की गई थी, पता लगाएंगे की घटना के वक्त वे क्यों मौके पर मौजूद नही थे