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कौशल भारत मिशन के आने लगे है सकारात्मक परिणाम

रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट।

कौशल भारत मिशन को जिस उद्देश्य से केंद्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया था उसके सकारात्मक परिणाम दूरदराज ग्रामीण इलाकों में भी आने लगे हैं । खासकर डिजिटल एवं ऑनलाइन व्यवस्था जब से सुदृढ़ हुई उसके बाद ग्रामीण इलाकों से शहरो की ओर पलायन भी रुक गया है। युवा आज घर बैठे ही वर्क फ्रॉम होम जैसे कांसेप्ट को अपना कर रोजगार कमा रहे हैं । स्किल इंडिया योजना के तहत ग्रामीण इलाको में कई प्रकार के रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चलाया जा रहा है । इनमें हिम ग्रामीण विकास संस्था का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। इस संस्था के माध्यम से अब तक 5000 से अधिक युवाओं को न केवल प्रशिक्षण देकर स्किल किया गया है , बल्कि 40% से अधिक लोग रोजगार अपनाकर आत्महत्या निर्भरता की ओर अग्रसर है। लोगो का कहना है डिजिटल , यूपीआई को बढ़ावा देने की प्रधान मंत्री की सोच ने आज भारत को विश्व गुरु बनाने का प्रयास किया है। लोगो का कहना है स्किल इंडिया मिशन का उद्देश्य जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक और उद्यमशीलता कौशल विकसित करना है वह उद्देश्य ग्रामीण स्तर तक पूर्ण सफल होने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच थी कि देश में युवाओं की संख्या अधिक है, लेकिन कुशलता की कमी थी । इसी नजरिए से उन्होंने कुशलता को बढ़ावा देते हुए रोजगार को घर द्वार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर एक व्यापक स्तर पर स्किल इंडिया मिशन को शुरू किया था। जो निरंतर उन्नीति के पथ पर है।

रितुल मेहता चौहान जो डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन कर रही है ने बताया आज का जमाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है । कंप्यूटर की नॉलेज अवश्य होनी चाहिए । इसमें सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को हो रहा है। क्योंकि महिलाएं घर से बाहर निकल नहीं पाती है , घर से बाहर निकलने में उनको दिक्कत रहती है। लेकिन अगर महिला आज स्किल है तो घर बैठे ही पैसा कमाएगी और आत्मनिर्भर बनेंगे। बहुत सारे मध्य है जो घर बैठ अपना सकते हैं । उन्होंने कहा पहले बैंक में जाने के लिए भी लाइन में खड़े होना पड़ता था, आज यूपीआई के थ्रू ऑनलाइन लेनदेन होती है। इसी तरह छात्रों को भी पहले पोस्ट ऑफिस या अन्य जगह जाकर ऑफलाइन फॉर्म भरने पड़ते थे । लेकिन आज जितने भी आवेदन है सीबीटी के थ्रू हो रहे हैं। इस के लिए कंप्यूटर में दक्ष होना बहुत जरूरी है ।

मंजू ने बताया कि यहां पर वह ईडीसीएसए का कोर्स कर रही है , उन्होंने बताया कि कंप्यूटर का ज्ञान आज के जमाने में बहुत जरूरी है । चाहे बिजनेस के लिए हो या किसी भी क्षेत्र के लिए , यहां तक कि अगर दुकानदार है तो पहले अकाउंटेंट की खोज करनी पड़ती थी । आज अगर आपको कंप्यूटर और अकाउंट का ज्ञान हो तो घर बैठे आप दुकानदारी के साथ अकाउंट का भी काम कर सकते हैं ।

सारिका ने बताया कि वह स्टिचिंग सीख रही हैं। आजकल के लेटेस्ट डिजाइन को यहां पर सीख कर लोगों तक पहुंचा रहे हैं। और अच्छा पैसा कमा रहे हैं। खासकर महिलाओं के लिए यह व्यवसाय काफी अच्छा है ।

स्मृति चौहान ने बताया कि आज के जमाने में सभी काम डिजिटल हो गए हैं । इस लिए कंप्यूटर की नॉलेज होना बहुत जरूरी है। वह यहां पर पिछले 6 वर्षों से कंप्यूटर का प्रशिक्षण दे रहे हैं, अब तक वह 15 सौ छात्रों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दे चुके हैं । यहां पर प्रशिक्षण लेने वालो को स्किल बनाया जाता है। सरकार ने जो कॉन्सेप्ट शुरू किया है इसके लिए हम सरकार का बहुत धन्यवाद करते हैं। इसके माध्यम से बहुत सारे लोगों को रोजगार व लाभ मिला है। खासकर महिलाओं को जो घर से बाहर नहीं निकल सकती थी। आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अच्छा प्रयास है।

उमा जोशी ने बताया यहां पर स्टिचिंग सीखते हैं । प्रशिक्षण लेने वालो को वे उस काबिल बनते हैं, ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सके।

वीरेंद्र शर्मा हिम ग्रामीण विकास संस्था के निदेशक ने बताया कि पिछले 15 सालों से यह संस्थान सरकार की योजनाओं को गांव के लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है ताकि योजना धरातल तक सही तरीके से पहुंच सके । विशेष कर कौशल विकास के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम हो रहा है। वे भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री के आभारी है जिन के प्रयासों से कौशल विकास निगम के साथ ऐसी योजनाएं तैयार की है जिस से लोग शहरों की ओर प्रशिक्षण और रोजगार के लिए पालन न करे। अब पहाड़ों में प्रशिक्षण एवं दक्षता काफी बढ़ गई है और स्वरोजगार के अवसर भी गांव स्तर पर बढ़ गए हैं। सरकार की योजनाएं अगर ईमानदारी से धरातल पर पहुंचाई जाए तो अवश्य नए आयाम स्थापित किया जा सकते हैं । उन्होंने बताया कि संस्थान ने 5000 से अधिक लोगो को विभिन्न क्षेत्रों में चाहे वह कंप्यूटर हो, सिलाई बुनाई हो,,ब्यूटी पार्लर हो अलग-अलग क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया है । आज तक उन की संस्था से कौशल प्रशिक्षण ले कर 40 फ़ीसदी से अधिक लोग आत्मनिर्भरता बने है।

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