रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी ———–
-हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र के दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और उत्थान
के लिए काम कर रही संस्था कोशिश एक आशा ने रामपुर में मनाया अपना 10 वा
स्थापना दिवस। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसजेवीएन के रामपुर
परियोजना प्रमुख एवम कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने ऐसे समाज कल्याण
व् सेवा से जुड़े कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए संस्था की
सराहना की। इस दौरान कोशिश एक आशा ने दिव्यांगों बच्चों को को विभिन्न
पर्तिस्पर्धाओ में अब्बल आने पर पुरस्कृत भी किया।शिमला जिला के रामपुर में दिव्यांग बच्चो को गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा तथा खेलों में आगे लाकर मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य में लगी
संस्था कोशिश एक आशा द्वारा आज स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस
अवसर पर संस्था के छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक अन्य पर्तिस्पर्धात्मक
कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि एसजेवीएन के
रामपुर जल विद्युत परियोजना प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने
संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ऐसे नेक एवं सामाजिक उत्थान
से जुड़े कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि
ईश्वर ने हमें धरती पर भेजा है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम किसी
असहाय का का सहारा बनकर उनकी मदद करें। ताकि उन्हें भी एहसास ना हो कि वे
किसी क्षेत्र में अक्षम है। उन्होंने कहा कि ऐसे कल्याणकारी कार्यों में
हर नागरिक को बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए। ताकि कोई भी दिव्यांग अपने आप
को किसी से कम ना समझे। उन्होंने संस्था को रामपुर परियोजना की ओर से
हरसंभव आर्थिक मदद का भी आश्वासन दिया। इस दौरान संस्था की अध्यक्षा
स्वाति बंसल व सचिन विक्रांत बिष्ट ने कोशिश एक आशा द्वारा पिछले 10
वर्षों में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। और बताया कि सीमित
संसाधनों के साथ अक्षम बच्चों को किस तरह शिक्षा देकर उन्हें आज सही दिशा
में पहुंचाया है। इससे ना केवल बच्चों का मनोबल बढ़ा है बल्कि उनके परिजन
भी अपने आप को अब किसी से कम नहीं समझते। उन्होंने बताया कि रामपुर
क्षेत्र के अलावा आसपास के कुल्लू जिले के अक्षम बच्चों को भी शिक्षा
एवं खेलों में आगे ले जाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा
रहा है।-कोशिश एक आशा संस्था की अध्यक्षा स्वाति बंसल ने बताया वे आज
संस्था की स्थापना का दसवा स्थापना दिवस मना रहे है / उन्होंने क्षेत्र
के अक्षम बच्चो शिक्षा और खेलो में आगे बढ़ाने का प्रयास किया। अब
शिक्षा के साथ-साथ ऐसे अक्षम बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण की ओर भी ले
जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो दिव्यांग बच्चे शिक्षा नहीं ले पा
रहे थे उन्हें जमा दो तक शिक्षा दी गई। अब ऐसे बच्चो को मनो स्थिति के
हिसाब से व्यवसायिक प्रशिक्षण देने का प्रयास हो रहा है। इसके अलावा जो
बच्चे सांस्कृतिक गतिविधियों एवं खेलों में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें
उस दिशा में प्रशिक्षित कर आगे ले जाने का प्रयास हुआ है। . उन्होंने
बताया कि वर्तमान में रामपुर उपमंडल के अलावा आसपास के क्षेत्रों के
अक्षम बच्चो को शिक्षा दी जा रही है।