रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
किसान मजदूरो ने संयुक्त रूप में शिमला जिला के रामपुर उप मंडल के निरथ नामक स्थान में नेशनल हाईवे 05 किया जाम। किसानों से हो रहे अन्याय और जल विद्युत परियोजना निर्माताओ द्वारा किसानों की मांगे पूरी न करने का लगाया आरोप। निरथ बाजार में लोगो ने निकाली रैली और किया धरना प्रदर्शन। रैली का नेतृत्व कर रहे थे पूर्व विधायक एवं माकपा नेता राकेश सिंघा माकपा के राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद ,हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के प्रधान दिलीप कायस्थ ।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 110 किलोमीटर दूर रामपुर उप मंडल के निरथ नामक स्थान में किसानओ और मजदूरो ने संयुक्त रूप में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे 5 को भी 12:30 बजे से जाम कर दिया । आंदोलन का मुख्य मकसद क्षेत्र में जल विद्युत परियोजना प्रभावित की हकों को परियोजना निर्माता द्वारा पूर्ण न करना और इसके साथ साथ किसानों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे अन्याय को ले कर था। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद, हिमाचल प्रदेश बार एसोसिएशन के प्रधान दिलीप कायस्थ आदि प्रमुख रूप से कर रहे थे। इस प्रदर्शन में परियोजना प्रभावित क्षेत्र के करीब 16 पंचायतो से लोग निरथ पहुंचे थे , जिसमें महिलाओं की संख्या काफी अधिक थी। प्रदर्शनकारियों ने पहले निरथ बाजार में रैली निकाली और उसके बाद नेशनल हाईवे 05 को जाम किया। किसान नेताओं ने बताया कि अब इस आंदोलन को जमीनी स्तर से उठा कर आगे की ओर ले जाया जाएगा। हकों की लड़ाई के लिए अब किसान मजदूर संगठित होकर आगे बढ़ने वाला है । उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वे सशक्त रूप से आंदोलन को और धारदार करते रहेंगे। लम्बे समय तक नेशनल हाईवे प्रदर्शनकारियो द्वारा जाम किये जाने से वाहनो की लमभी कतारे लगी है। अभी तक हाइवे जाम है।
निरथ पंचायत की प्रधान रीना ठाकुर ने बताया परियोजना निर्माता ने परियोजना प्रभावित क्षेत्र के लिए जो 300 से 600 मी का दायरा रखा है वो सरासर गलत है। एसजेवीएन 210 मैगावाट की लुहरी जल विद्युत परियोजना को चलाना चाहती है तो प्रभावितों की समस्याओं को समझे।
देहरा पंचायत की प्रधान सरोज बाला ने बताया आज यहां 16 पंचायत के लोग आंदोलन में पहुंचे हैं। पहले भी लोगो ने हकों के लिए मजदूर किसानों ने मिलकर आंदोलन किया था । लेकिन सरकार भी इसे अनसुना कर रही है। अब गूंगी बहरी सरकार और परियोजना निर्माताओ को चेतावनी है देना चाहते है जो लोगो की समस्याएं है उन्हे पूरा करें अन्यथा वे परियोजना बंद कर वापस चले जाएं ।
माकपा के राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद ने बताया कि किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर के आज किसान मजदूर एक होकर के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । आज विरोध का राष्ट्रीय आह्वान भी है। लेकिन यहां स्थानीय मुद्दे भी है। उन सभी को लेकर के यह आंदोलन किया जा रहा है और जाम लगाया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के प्रधान दिलीप कायस्थ ने बताया सरकार पूर्व में भी आंदोलन के कारण ही जगी है। लेकिन आज वह साफ तौर से कहना चाहते हैं कि चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, किसान मजदूर विरोधी सरकार हैं । उन्होंने बताया कि किसानों को दिल्ली जाने के लिए रोक के लिए ऐसी व्यवस्था की जो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं है। लेकिन किसान अपनी हक के लिए लड़ रहा है । सरकार जितनी मर्जी सख्ती करें, लेकिन आज किसान रुकने वाला नहीं है। किसान अब गांव से ले कर हर क्षेत्र में हक के लिए लड़ेगा और आगे बढ़ेगा।
किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने बताया हम चेतावनी देना चाहते हैं कि चाहे वह राष्ट्र स्तर पर किसानों का आंदोलन हो या जमीन स्तर पर किसान रुकने वाला नही। अब हिमाचल प्रदेश में किसान एकजुट हो रहा है। वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसान मजदूर अब सशक्त हो कर आगे बढ़ने वाला है। अब यह जमीनी स्तर से उठ कर आगे बढ़ रहा है।