रिकांगपिओ 26 मार्च । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—–
किन्नौर जिला में वर्ष 2021-22 में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 48 लाख रुपये की राशि व्यय की गई जबकि आत्मा परियोजना के तहत इसी दौरान 60.67 लाख रुपये व्यय किए गए। यह जानकारी आज यहां कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के तहत सांगला में आयोजित एक दिवसीय किसान मेले के दौरान हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने दी।
उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला को पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती जिला बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आगे आएं। इससे जहां गुणवत्ता युक्त व पौष्टिक उत्पाद तैयार होते हैं वहीं इस पर रासायनिक खेती की अपेक्षा बहुत ही कम खर्च आता है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत अब तक 2082 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा इन किसानों द्वारा लगभग 267.68 हैक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जहां देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है वहीं गौशाला के फर्श को पक्का करने के लिए भी 8 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है। घटक बनाने हेतु 200 लीटर के ड्रम खरीदने पर 750 रुपये प्रति ड्रम प्रदान किया जा रहा है।
सूरत नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में 50 हजार एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती के अधीन लाने का लक्ष्य रखा गया है तथा प्रदेश की सभी 3 हजार 615 ग्राम पंचायतों में प्राकृतिक कृषि का एक-एक माॅडल विकसित किया जाएगा। प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों का उचित दाम उपलब्ध हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने 10 मंडियों में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष स्थान उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है साथ ही दो स्थानों पर प्राकृतिक कृषि उत्पादों के लिए विशेष मंडी स्थापित की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष ने कहा कि किन्नौर जिला में गत 4 वर्षों के दौरान समग्र विकास सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में वर्ष 2018 में आवास योजनाओं के तहत 500 से अधिक प्रार्थना-पत्र लंबित थे जिनमें से वर्तमान सरकार ने 465 पात्र व्यक्तियों के मामलों को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में जनजातीय उपयोजना के तहत जिले को मात्र 62.50 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान था जिसे वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2022 में बढ़ाकर 140 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिले में उज्जवला तथा गृहणी सुविधा योजना के तहत 2694 व्यक्तियों को निःशुल्क गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सांगला क्षेत्र में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं तथा प्रदेश सरकार द्वारा जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माईनर वर्क के तहत वर्ष 2018 में प्राप्त बजट को 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.50 करोड़ रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि सांगला स्थित शिव मंदिर में पार्क के निर्माण व सौंदर्यीकरण के लिए 5 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार साथ लगती अन्य पंचायतों के सड़क निर्माण व महिला मण्डल निर्माण के लिए भी अलग से राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि छितकुल में दूर-संचार सेवाएं बैटरी बैक-अप न होने से अक्सर बाधित रहती थी, अब बैक-अप के लिए भी सरकार द्वारा धनराशि उपलबध करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि करच्छम-छितकुल रोड़ को मेजर डिस्ट्रीक रोड़ का दर्जा दिया गया है तथा इसके लिए 15 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला के दो विकास खण्डों कल्पा व पूह को वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत लाया गया है तथा इससे क्षेत्र का अभूतपूर्वक विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25 कार्य प्रगति पर हैं जिस पर 136 करोड़ 68 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं। जिले में नाबार्ड के अंतर्गत 10 सड़क परियोजनाएं कार्यन्यवित की जा रही है जिस पर 43 करोड़ 46 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने प्राकृतिक खाद्य सेवा सुरक्षा समूह किल्बा को जिला स्तरीय पुरूस्कार के रूप में 20 हजार रुपये की राशि प्रदान की जबकि खण्ड स्तर पर श्रेष्ठ किसान पुरूस्कार के तहत यशपाल को 10 हजार रुपये का नगद पुरूस्कार प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने शिविर में आए लगभग 300 किसानों को निःशुल्क बीज किट भी प्रदान की।
इससे पूर्व आत्मा परियोजना निदेशक डाॅ.
रवि शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा आत्मा परियोजना के तहत जिले में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
उपनिदेशक डाॅ. सोमराज ने प्राकृतिक खेती व उद्यान विभाग के सहायक कृषि विकास अधिकारी ने बागवानी से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
प्राकृतिक खेती से जुड़ी प्रगतिशील किसान गंगा सरनी बिष्ट ने इस दौरान अपने अनुभवों के बारे में अवगत करवाया तथा लोगों से भी आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए आगे आएं।
कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष निहाल चारस, भाजपा कल्पा मण्डल अध्यक्ष परवींद्र नेगी, भाजपा के जिला महासचिव चंद्रपाल, प्रधान ग्राम पंचायत सांगला देव सांकी, बटसेरी ग्राम पंचायत के प्रधान प्रदीप कुमार, ग्राम पंचायत थेमगरंग की प्रधान मनोहर नेगी व लगभग 300 किसान व बागवान उपस्थित थे।