दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के तरांडा गांव के रहने वाले भारतीय रक्षा सेवा अधिकारी सुभाष चंद नेगी (MES), ने इंजीनियर शाखा सेना में देश के सर्वोच्च पद को हासिल किया है । उनके इस पद पर पहुंचने पर न केवल किन्नौर बल्कि समूचा हिमाचल प्रदेश गौरवान्वित हुआ है। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में इस् पद तक पहुंचने वाले हिमाचल प्रदेश के वे दूसरे व्यक्ति है, करीब 23 वर्ष पूर्व हिमाचल का सैन्य अधिकारी इस पद पर पहुंचा था। कर्तव्य परायण एवं सेवा के प्रति समर्पित सुभाष चंद्र नेगी ने 03 फरवरी 2025 को सेना मुख्यालय, नई दिल्ली में इंजीनियर शाखा में महानिदेशक का पद ग्रहण किया है। सुभाष चंद नेगी, आईडीएसई, पुत्र श्री धर्म सेन नेगी, गांव –
तरांडा,तहसील निचार जिला- किन्नौर
ने इस से पूर्व सैन्य इंजीनियर सेवा में विभिन्न चुनौतीपूर्ण कार्यों को समयबद्ध एवं कुशाग्रता से पूर्ण किया है और उन्हें कई सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुए है। सुभाष नेगी ने एमईएस में
शामिल होने से पहले दो साल तक नाथपा -झाकड़ी परियोजना में भी काम करते हुए सराहनीय योगदान दिया है । नेगी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तरांडा और निगुलसरी स्कूलों से की और डिग्री कॉलेज सोलन से प्री-इंजीनियरिंग पास की। उन्होंने थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैकनोलजी पटियाला (डीम्ड यूनिवर्सिटी) से तकनीकी स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित
प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के माध्यम से वे एमईएस में शामिल हुए। सुभाष चंद नेगी आईडीएसई 1989 यूपीएससी बैच ने 33 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान एमईएस में
विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। महानिदेशक पद पर पहुंचने से पहले, एडीजी (एन) जम्मू में
अतिरिक्त महानिदेशक, बरेली में मुख्य अभियंता बरेली जोन, देहरादून में कमांडर वर्क्स इंजीनियर, हिसार और लेह-लद्दाख में गैरीसन इंजीनियर आदि के रूप में महत्वपूर्ण कार्यभार संभाला है। इसके अलावा भी उन्होंने
विभिन्न अन्य स्टेशनों पर अपना सेवा प्रदान की।
महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, एडीजी (एन) जम्मू में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उत्तरी भारत में वायु सेना की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं का
सफल निष्पादन किया। बरेली में जोनल चीफ इंजीनियर होने के नाते उनके पास उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के अलावा हिमाचल प्रदेश के झाकड़ी और पूह/सुमदो क्षेत्रों में रक्षा स्टेशनों की जिम्मेदारी का
व्यापक क्षेत्र था, जहां उनके मार्गदर्शन में सेना के लिए बड़ी संख्या में परियोजनाओं की योजना बनाई गई या उन्हें
क्रियान्वित किया गया। 2001-02 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनके योगदान की काफी सराहना हुई, जब प्रतिकूल जलवायु एवं परिस्थितियों और दूर स्थित स्टेशनों के बावजूद लेह- कारगिल क्षेत्र में नए शामिल सैनिकों को
नए स्टेशनों पर तत्काल महत्वपूर्ण एमईएस सेवाएं प्रदान की गईं।
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षों के बाद यह दूसरी बार है कि हिमाचल प्रदेश का कोई अधिकारी एमईएस में महानिदेशक बना है।
नेगी, किन्नौर के एकमात्र अधिकारी हैं, जिन्होंने केंद्रीय सेवाओं में इतनी ऊंचाई वाली पद हासिल की है ओर उन्होंने महानिदेशक पद को हासिल करने के लिए अपने कैडर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। श्री नेगी, आईडीएसई को एमईएस में अपने प्रतिष्ठित और शानदार करियर के दौरान विभिन्न कमांड और स्टाफ नियुक्तियों के माध्यम से एक व्यापक और सर्वांगीण तकनीकी अनुभव है। अपने समृद्ध अनुभव , मजबूत नेतृत्व गुणों अथवा अटूट समर्पण के साथ सैन्य इंजीनियर्स सेवा का नेतृत्व करने, निर्माण कार्यों को अत्यंत सटीकता के साथ निष्पादित करने और राष्ट्र की सेवा में भारतीय रक्षा बलों की मानक
व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वह सदेव तैयार हैं। उन्हें उनकी समर्पित और विशिष्ट सेवा के लिए समय-समय पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है ।