टापरी। न्यूज व्यूज पोस्ट/जिला किन्नौर के कई हिस्सों में पशुओं में लंपी बीमारी तेजी से फैलने लगी है । अब तक दर्शनों पशु मारे जा चुके हैं । लेकिन पशुपालन विभाग के संबंधित औषधाल्यो एवम डिस्पेंसरियों में दवाई की कमी के कारण पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरा पशु औषधाल्यों एवम डिस्पेंसरियों में सटाफ की कमी के चलते जिला के दूरदराज क्षेत्रों में बसे लोग भयभीत और हताश है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ना तो विभाग के पास दवाइयां है और ना ही माकूल स्टाफ जो समय समय पर आकर बीमार लाचार पशुओं का उपचार कर सके। ऐसे में जनजातीय जिला किन्नौर में लंपी चर्म रोग भयानक रूप धारण कर सकता है।
बताया जा रहा है कि किन्नौर जिला के निचार उप मंडल के चगांव, मीरू, यूला, उर्नी, टापरी, चोलिंग, भावा नगर, व नाथपा आदि स्थानों में पशुओं में तेजी से लंबी बीमारी फैली है। लोगो का कहना है क्षेत्र में स्टाफ की भी भारी कमी है जिस कारण बीमारी से निपटने के लिए विभाग के कर्मचारी व चिकित्सक नहीं पहुंच पा रहे हैं । अगर समय रहते लंपी चर्म रोग को काबू पाने के लिए युद्ध स्तर पर विभाग प्रयास नहीं करता है तो विकराल स्थिति हो सकती है । लोगों का कहना है कि जब बीते वर्ष यह बीमारी हिमाचल प्रदेश में फैलने लगी थी, तब सरकार ने इसको रोकने के लिए समुचित व्यवस्था की थी। डॉक्टरों की टीम बनाई थी। दवाइयां माकूल मात्रा में सप्लाई हो रही थी , बल्कि हर क्षेत्र में लावारिस पशुओं को भी टीकाकरण एवम नियमित उपचार किया जा रहा था। लेकिन वर्तमान स्थिति में किन्नौर जिले में विभागीय अधिकारी एवं चिकित्सक एवं कर्मचारी मुश्किल से ही पहुंच पा रहे हैं । उरनी गांव के अजीत भाबा नगर के विनोद व शेर सिंह ने बताया कि लंबी बीमारी लगातार फैलती जा रही है। लेकिन सरकारी स्तर पर दवाइयां नही मिल रही। भाबा नगर के विनोद ने बताया कि उनकी 2 गाय बीमार है, चिकित्सकों को बुलाने पर ना तो पशु औषधालय में दवाइयां मिल रही है और ना ही चिकित्सक उपचार के लिए आ रहे हैं, चिकित्सक फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वे हताश और परेशान हैं । उधर दो रोज पूर्व नाथपा पंचायत का एक प्रतिनिधि मंडल पूर्व पंचायत समिति सदस्य की अगुवाई में बागवानी एवं राजस्व मंत्री से भावा नगर में मिला और इस रोग से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की। लोगों का कहना है की विभाग के औषधालयों में दवाइयां नही मिल रही, लोगों को निजी दवा दुकानों से दवाइयां खरीद कर इलाज करना पड़ रहा है।
उधर उपनिदेशक पशुपालन जिला किन्नौर अशोक सैनी ने बताया दवाइयां किन्नौर आ चुकी है। दवाइयों की कमी नहीं बल्कि और भी दवाइयां आ रही है। दवाइयां प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की जा रही है। उन्होंने बताया विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में अब तक 288 गऊ लंपी स्किन डिजीज की चपेट में आए जिस में से 143 ठीक हुए है जबकी 137 बीमार है और 8 गऊओ की मौत हुई है।