शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट। उपभोक्ता अदालत शिमला ने लोन चुकाने के बावजूद एनओसी न देने पर हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस लिमिटेड कंपनी और इसके एजेंट पर 5 हजार रुपए हर्जाना लगाया है। जिला उपभोक्ता आयोग शिमला ने तीनों प्रतिवादियों को आदेश दिए कि वह शिकायतकर्ता को 2 हजार रुपए बतौर मुकद्दमा खर्च भी अदा करे। उपभोक्ता अदालत ने शिकायतकर्ता संजय स्वर्णकार की शिकायत पर प्रतिवादियों को 45 दिनों के भीतर एनओसी जारी करने के आदेश भी दिए। शिकायत में दिए तथ्यों के अनुसार शिकायतकर्ता ने एक स्कूटी मेसर्ज रन वे मोटर्स से वर्ष 2021 में ली थी। स्कूटी के लिए उसने हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस लिमिटेड की सोलन ब्रांच से 1 लाख 10 हजार 142 रुपए का लोन लिया। लोन को चुकाने के लिए 3098 रुपए प्रतिमाह की दर से 36 किश्तें बनाई गई। जून 2021 से सितंबर 2022 तक 16 किस्तों के माध्यम से करीब 49 हजार 636 रुपए चुकाए और फाइनेंस कंपनी द्वारा बताए गए एक मुश्त बकाया राशि 53 हजार रुपए का भुगतान 1 अक्तूबर 2022 को कर दिया। इसके बाद उसने कंपनी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की जिसके लिए कंपनी ने उसे एक माह का समय बताया। पूरा लोन चुकाने के बावजूद उसके अकाउंट से कंपनी के अकाउंट में 295 रुपए के हिसाब से चार बार निकासी की गई। कंपनी को ऑनलाइन शिकायत करने के बावजूद कंपनी ने एनओसी जारी करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। शिकायतकर्ता का आरोप था कि कंपनी ने उसके लोन अकाउंट को बंद ही नहीं किया। शिकायत के अनुसार एनओसी के लिए उससे बार बार पैसों की मांग की जाने लगी और उसे सोलन स्थित कार्यालय में अपमानित भी किया जाने लगा। शिकायतकर्ता ने कंपनी के खिलाफ कड़ी करवाई करने की मांग के साथ साथ हर्जाने की मांग भी की थी।